श्री हनुमान जी का सच्चा अनुभव – A True Event & Example of God’s Existence & Grace

प्रभु श्री हनुमान जी का सच्चा अनुभव

 

देखिये कैसे हनुमान जी शायद खुद हाथ बड़ा कर मदद की अपने भक्त की जिस से सैकड़ों लोगों के घरों का चूल्हा जलना संभव हो सका :

alt<"image">

साधु जी मैं बात कैसे शुरू करूं अपने सेठों के सेठ हनुमान जी  की , ऐसा मेरा विश्वास है की प्रभु हनुमान जी जिनकी वजह से आज मेरी कंपनी में काम कर रहे  सैकड़ों एंप्लॉयज के  घरों के चूल्हे उन्ही की कृपा से चल रहे हैं .

मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहता हूं, साधु भाई आप सब को मेरा नमस्कार और जय श्री राम, मैं मध्यप्रदेश, सीहोर का रहने वाला हूं, बात जनवरी 2020 से शुरू होती है, मेरा  आर्टिफिशियल ज्वैलरी डिजाइनिंग का काम है , देश और विदेश में हमारी कंपनी के साथ आउटसोर्स एसोसिएट्स हैं जो मिल कर हमारी आर्टिफिशियल ज्वेलरी डिजाइंस को प्रमोट भी करते हैं और मार्केट में सेल्स को भी संभालते हैं .

Vintage jewelry frame

हनुमान जी  की ही कृपा थी ये सब और उन्ही की इच्छा से फैक्ट्री का काम बोहुत अच्छा चल रहा था फिर एक दिन न्यूज मिली की एक नया वायरस एक्टिव हो रहा है हमारे देश में , कुछ ज्यादा ही लाईटली लिया मैने और मेरी मैंजमेंट ने इस नए वायरस की न्यूज को , फिर अचानक देखते ही देखते मार्च के आखिर में पूरे भारत में लॉकडाउन लग गया, शुरुआत में ये सिर्फ एक औपचारिकता ही लग रही थी पर धीरे धीरे ये दिनों से हफ्तों और हफ्तों से महीनो में बदल गया , मेरे पास लगभग 350 लोगों का स्टाफ था जो ज्वेलरी डिजाइनिंग से ले कर उसकी मार्केटिंग और सेल्स सब कुछ संभालता था. मगर इस आपदा की वजह से लगभग 3 करोड़ का आर्डर प्रोडक्शन कंपनी ऑफिस में ही होल्ड हो गया .

 

Sick woman and man have cold, flu and high fever.

काम के लिए बिजनेस लोन्स  लिए थे उनकी ईएमआई और पूरे स्टाफ की सैलरी का खर्चा वो अलग था . बोहूत ही कम समय में ये समझ में आ गया की अब अगर ये लॉकडाउन और ज्यादा समय तक खिंचा तो काफी ज्यादा नुकसान हो जाएगा .पर क्या करते , इतनी भयावह स्थिति थी कि कुछ भी समझ नही आ रहा था । किसी तरीके से चीज़ों को संभालते हुए 3 महीने बीत गए पर लॉकडाउन बढ़ता ही रहा। उधर से खबरें मिल रही थी की फैक्ट्री के कई स्टाफ मेंबर्स वायरस की चपेट में आ चुके हैं , 3 वर्कर्स की डेथ न्यूज सुन कर मन और ज्यादा पीड़ा से भर उठा.

एक व्यापारी के लिए मॉल का नुकसान ज्यादा दुख नहीं देता क्यों कि  मॉल तो फिर से बनाया जा सकता है पर उस के स्टाफ की जान का नुकसान बोहुत दर्द देता है क्योंकि एक कमाई करने वाले की मौत के साथ उसके पूरे परिवार के भरण और पोषण की भी मौत होती है, अब धीरे धीरे धन के अंबार खाली होने लगे , लोन ईएमआई कुछ ज्यादा बड़ी थी और हनुमान जी की कृपा से स्टाफ सैलरीज देना भी मैने बंद नहीं किया था, पर अब नुकसान ज्यादा ही बढ़ गया , नोबत यह तक आ गई की मुझे ईएमआई और स्टाफ स्लेरीज के लिए कुछ खास दोस्तो और रिश्तेदारों से उधार भी लेना पड़ा। मैं काफी घबरा गया था अब और सोचता रहता की ये महीना तो निकल गया पर अगले महीने का क्या होगा।

Unhappy man borrowing money

इन्ही सब के साथ मैं अपने घर के पूजा स्थान पर घंटों बैठा रहता और निहारता रहता अपने ईश्वर प्रभु श्री हनुमान जी को और प्रार्थना करता कि ये सब कुछ जल्द से जल्द खत्म हो तो फिर से एक नई शुरुआत करें, मेरा रोज का एक ही काम था वो ये की हर रोज सुबह नित्यकर्मों से निवृत्त हो कर 108 लॉन्ग की एक माला श्री राम नाम का उच्चारण करके मौली में पिरोकर मैं घर में ही प्रतिष्ठित अपने हनुमान जी के गले में अर्पित करता था , कहते हैं कि ये माला प्रभु श्री हनुमान जी को बोहूत ज्यादा पसंद है, कुछ 31 दिन हो चुके थे इस तरह माला को प्रभु के गले में चढ़ाते हुए,

ये मैं इस लिए भी बता रहा हूं कियों की साधु जी यही से हनुमान जी के उस चमत्कार की शुरुआत हुई जिस के बारे में सोच कर ही मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

alt<"image">

एक रोज अपने हनुमान जी को रोज की तरह लौंग की माला चढ़ाते हुए हमेशा की ही तरह उनसे शिकायत करने लगा की प्रभु आप के रहते हुए क्यों मेरी कंपनी में ताले लगे हैं और क्यों मेरे स्टाफ और वर्कर्स को आज पैसे पैसे के लिए मोहताज होना पड़ सकता है और फिर आंखों से अश्रुधारा बहने लगी और मैं सिसक सिसक कर रोने लगा। पत्नी और बच्चों ने बोहत समझाया पर मैं शायद आज अंदर से कुछ ज्यादा ही टूट चुका था।

प्रभु हनुमान जी ने  ने शायद अभी तक मेरी बोहुत परीक्षा ले ली थी और उन्हें मुझ पर दया आ ही गई, उसी शाम मुझे अपने  फोन पर एक व्यक्ति का कॉल आया जिस का नाम अंजनी कुमार था , नाम मैं इस लिए बता रहा हूं क्यों की नाम को सुनते ही आप को मेरे इस अनुभव को समझने में आसानी होगी। अंजनी कुमार जी के मुताबिक वो एक डिजिटल मार्केटिंग कंपनी चलाते थे जो की हमारे जैसे डिजाइनर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी को देश विदेश में मार्केट कर के ढेरों मुनाफा ऑनलाइन तरीके से कमाने की बात कर रहे थे, उन्होंने बताया की वे मेरी कंपनी के साथ मिल कर बिजनेस करना चाहते उन्होंने अपने लिए 30% की हिस्सेदारी का प्रपोजल सामने रखा । डिटेल्ड बिजनेस प्रपोजल उन्होंने मेरी मेल पर भेज दिया था अब मुझे डिसीजन लेना था। परन्तु अभी भी मुझे यह लग रहा था की लाइकडाउन की इस स्तिथि में डिजिटल ऑनलाइन बिजनेस तो ठीक है पर मेरे ज्वेलरी डिजाइंस को कोन खरीदेगा?

alt=<'<img src="Digital Marketing.jpg" alt="">
Creative megaphone with various info graphic elements for Digital Marketing concept.

मैने मेल पर बिजनेस प्रपोजल देखा , देखा कि देश और विदेश में ऐसे ढेर सारे  डिजाइन प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनीज हैं जिन की आर्डर आवश्यकता को पूरा करने के लिए डिजाइनिंग की बेसिक नॉलेज और उस को पूरा करने के लिए आवश्यक स्टाफ की बोहुत ज्यादा जरूरत होती है और चूंकि मेरे स्टाफ की आज तक की सैलरी अभी तक मैंने जारी रखी थी तो कोई भी मुझे आज तक छोड़ कर नहीं गया था , स्किल्ड स्टाफ और दूसरे साधन मेरे पास सब थे जो डिजिटल तरीके से घर बैठे ही इस बिजनेस के सभी ऑर्डर्स को पूरा करने में सक्षम थे। अंजनी कुमार जी से कुछ और डिटेल्स समझने के बाद ये तो कन्फर्म हो गया की इस बिजनेस को घर से ही ऑपरेट किया जा सकता है और तो और उनके कस्टमर्स की लिस्ट में कई ऐसे रिप्यूटेड बिजनेस कम्पनीज थी जो भारत और दूसरे देशों की गवर्नमेंट के साथ भी काम करती थी, बस अब जरूरत थी हमें अपने कंप्यूटरस और दूसरे जरूरी समान की जो की मेरे ऑफिस की बिल्डिंग में मौजूद था। और अंजनी जी की मोटिवेशन से भरी बातों ने मेरे अन्दर एक अलग सा जोश भर दिया ।

alt=<"image-hanuman ji">
Image Hanuman Ji

 

यह एक घने अंधेरे से बाहर निकालती हुई एक रोशनी की तरह प्रतीत हो रहा था की जैसे प्रभु श्री हनुमान खुद हाथ पकड़ कर मुझे राह दिखाते हुए मंजिल की तरफ ले कर जा रहे हैं. कब कुछ ही दिनों में अंजनी जी और उनके स्टाफ के साथ मिल कर नए प्रोडक्ट्स की डिजाइनिंग के बारे में खुद और अपने स्टाफ को सिखाया यह पता भी ना चला और फिर शुरू हुआ एक ऐसे सफल व्यवसाय का दौर जो आज तक नही रुका है ।

मैं आज अंजनी जी की मदद से फिर से अपने बीते हुए कल के प्रॉफिटेबल बिजनेस को जिंदा कर पाया हूं , सिर्फ इतना ही नहीं आज मेरा टोटल स्टाफ जो की लगभग 350 के आज पास था अब वो हनुमान जी की कृपा से परिवार बढ़ कर लगभग 500 लोगों के आसपास हो चुका है , हम सब लोग अब डिजिटल माध्यम से ही बिजनेस को चलाते है जो की ज्यादातर समय ऑनलाइन घर से ही हो जाता है । यह भी बताना चाहता हूं की किन्ही विशेष कारणों की वजह से आज तक मेरी मुलाकात आमने सामने पिछले 2 सालों में अंजनी कुमार जी से नही हुई जब भी बात होती है वो फ़ोन पर या फिर  डिजिटल प्लेटफार्म पर ही होती है पर चाहे डिजिटली ही सही पर  उनके चेहरे का तेज और औरा देख कर यही प्रतीत होता है की मेरे प्रभु श्री हनुमान जी  साक्षात मेरे सामने ही बैठे मुझ से बात कर रहे हैं .आज लगभग डेढ़ सालों से मेरी कंपनी का बिजनेस प्रॉफिटेबल है और सारा स्टाफ और ग्राउंड वर्कर्स जो की सारी डिजाइनिंग डिजिटली प्रमोट करना सीख चुके हैं और वो सब इस काम को नए तरीके से कर के बेहद खुश हैं। आभार इन सब के लिए श्री अंजनी कुमार जी का या फिर यूँ  कहूं की मेरे प्यारे हनुमान जी का  ।।।

alt=<"image">
bhakti main hanuman ji

साधु जी मैने आज तक हर रोज सुबह नित्यकर्मों से फ्री हो कर अपने बाबा की सेवा में लौंग के हार की सेवा को जारी रखा है,  मेरी अपने प्रभु श्री हनुमान जी से यही कामना है की मेरी इस सेवा को वह हमेशा स्वीकार करते रहें ।

जय श्री राम जय श्री हनुमान

Leave a Comment

You cannot copy content of this page

Scroll to Top