Life Line in Palmistry
हस्तरेखा (Palmistry) सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हमारे हाथों में मौजूद मणिबंध रेखा के द्वारा आसानी से किसी भी व्यक्ति की आयु के बारे में गणना की जा सकती है। कलाई और हथेली जोड़ने वाली रेखा को मणिबंध रेखा के नाम से जाना जाता है। सीधे तौर पर हाथ को अगर हथेली की तरफ से देखा जाए तो कलाई पर ऐसी रेखाएं स्पष्ट देखी जा सकती हैं !
life line in palmistry : क्या है हस्तरेखा शास्त्र
हस्तरेखा सामुद्रिक शास्त्र एक ऐसा शास्त्र है जिसमें शरीर के हर अंग की बनावट से व्यक्ति के स्वभाव और रेखाओं को देखभर भविष्य के बारे में विस्तार से बताया गया है। हथेलियों में उभरी हुई रेखाएं व्यक्ति के वर्तमान, भूत और भविष्य काल के बारे में हर एक चीज बतला देती हैं। इसी तरह रेखाएं व्यक्ति के उम्र के बारे में भी बता सकती हैं।
हस्तरेखा के अनुसार, हाथों में व्यक्ति की जीवन और मृत्यु की रेखाएं होती हैं। इसी कारण हर किसी को अपने भविष्य के बारे में जानने की जिज्ञासा बनी रहती है। अगर कोई व्यक्ति अपनी आयु के बारे में जानना चाहता है तो वह मंणिबंध रेखा की मदद से जान सकता है।
life line in palmistry : क्या है मणिबंध रेखाएं?
मणिबंध रेखा हथेली में गुरु पर्वत से यह रेखाएं शुक्र पर्वत का घेराव करते हुए बनती है यानि अंगूठे और तर्जनी के मध्य से निकलती हुई हथेली के निचले भाग तक आ जाती है। ये रेखाएं व्यक्ति की आयु, स्वास्थ्य, धन, प्रतिष्ठा आदि को दर्शाती है। इस लेख में जिस रेखा की हम बात कर रहे हैं वह कलाई पर मौजूद मणिबंद रेखाओं के बारे में कर रहे हैं !
life line in palmistry : हस्तरेखा सामुद्रिक शास्त्र में इस तरह की जाती है आयु गणना
- सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति के हाथ में मणिबंध पर दो रेखाएं है तो उसकी उम्र 50 साल तक होती है।
- अगर मणिबंध में तीन रेखा होती है तो व्यक्ति की आयु 75 साल तक होती है।
- वहीं इन जातकों के हाथ में मणिबंध की चार रेखाएं होती है। वगह व्यक्ति काफी भाग्यशाली माना जाता है। ऐसे लोगों को दीर्घायु माना जाता है।
- हस्तरेखा सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, अगर मणिबंध में किसी तरह का स्वास्तिक चिन्ह, यव चिन्ह जैसे शुभ निशान है तो वह व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होता है।
- अगर किसी जातक की आयु रेखा, मस्तिष्क रेखा और हिरदे रेखा काफी गहरी और लंबी है तो समझ लें कि वह लंबी आयु तक जिएगा।
- अगर किसी जातक के हथेली में मणिबंध रेखा शनि पर्वत तक जाती है तो वह सबसे अधिक भाग्यशाली माना जाता है।