marriage line in palm reading
भारतीय संस्कृति के अनुसार विवाह कोई शारीरिक या सामाजिक अनुबन्ध मात्र नहीं हैं, यहाँ दाम्पत्य को एक श्रेष्ठ आध्यात्मिक साधना का भी रूप दिया गया है। इसलिए कहा गया है
‘धन्यो गृहस्थाश्रमः’।
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सद्गृहस्थ ही समाज को अनुकूल व्यवस्था एवं विकास में सहायक होने के साथ श्रेष्ठ नई पीढ़ी बनाने का भी कार्य करते हैं।
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नमश्कार JD पल्मिस्ट्री में एक बार फिर से आप का स्वागत है , मेरे लगभग सभी ब्लॉग आर्टिकल्स को ढेर सारा प्यार देने के लिए आप सब का बोहत बोहत धन्यवाद , कोशिश करेंगे की आप सब के लिए नई जानकारियां हस्तरेखाओं पर मैं रेगुलर लाता रहूं !
जैसा की मैं कहता रहा हूँ की प्राचीनतम ज्योतिषी विधानों में से एक विशेष विधान है हस्तरेखा विज्ञान । हस्तरेखा विज्ञानं द्वारा व्यक्ति के भाग्य से जुड़ी कई एहम बातों का ज्ञान होता है। हाथों की लकीरें बताती हैं कि व्यक्ति को किस दिशा में करिअर बनाना उत्तम होगा और किस क्षेत्र में सफलता और उपलब्धियां प्राप्त होगी। और उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए , आज हम जानेगे हथेली में विभिन्न तरह की विवाह रेखाओं (marriage line in palm reading) का महत्त्व – उन के समस्त गुण और दोष – यानि सब कुछ – सिर्फ एक ही आर्टिकल में !
आप को खुद ही सीखने और देखने से मिलेगा ज्ञान – लेख थोड़ा लम्बा है , ध्यान से अंत तक अवश्य पढ़िए -देखिये और समझिये ,और अगर ब्लॉग पर नए हैं तो सब्सक्राइब करना न भूले , अच्छा लगे तो शेयर करें लाइक करें और कमेंट कर के बताएं की और किन विषयों पर आप नए ब्लोग्स देखना चाहते हैं ,
तो चलिए शुरू करते हैं आज का ज्ञान -: marriage line in palm reading
विवाह रेखा (marriage line in palm reading) – जैसा की नाम से ज़ाहिर है यह रेखा किसी भी व्यक्ति के जीवन में बोहत अहम भूमिका निभाती है , 7 जन्मों तक साथ जीने मरने की कसमें खाने वाले लोग कैसे ही कर के साथ रहते हैं या फिर जुदा भी हो जाते हैं , साथ रहने में या जुदा हो जाने में ,,,, दोनों में ही अहम रोल होता है व्यक्ति की हस्तरेखाओं में विवाह रेखा के योग का ,
यह रेखाएं व्यक्ति के गर्भ काल के तीसरे या चौथे महीने से ही हथेली पर बननी शुरू हो जाती हैं , पूरा निर्णायक बेस रहता है आप के पूर्व जन्मों में किये गए कर्मों पर – और वही पाप और पुण्य हमें मिलते हैं वर्तमान के जन्म में। .. माने या न माने परन्तु यह एक अध्भुत सत्य है , इस की सम्पूर्ण जानकारी मैं अवश्य अलग से दूंगा किसी एक नए ब्लॉग में…
बात चल रही है विवाह रेखा की (marriage line in palm reading)। … बुध की उंगली यानि कनिष्ठिका उंगली के बाहरी किनारे से नीचे एवं हृदय रेखा के निकास स्थान के बीच में… हृदय रेखा के सामानांतर अक्सर एक या एक से अधिक आडी रेखाएं पाई जाती है ! इन्हे ही कहते हैं विवाह रेखाएं ! समान्यता यह छोटी ही होती है , परन्तु कभी कभी यह हिरदय रेखा को स्पर्श करती है , तो कभी कभी यह गुरु पर्वत तक भी चली जाती है ! अधिक मोटी , अधिक पतली। क्रॉस युक्त , टूटी , द्वीपयुक्त , एवं हृदय रेखा से जुड़ाव लिए हुए हो तो यह दोषपूर्ण मानी जाती है !
इन रेखाओं के उपलक्ष में समस्या यहाँ खड़ी होती है कि विवाह तो मनुष्य अमूमन एक या किन्ही अलग परस्थितयों में दो करता है ,पर यह रेखा अनेक हाथों में एक या एक से अधिक होती है , कभी कभी यह रेखा एक से अधिक ऐसे हाथों में देखी गई हैं , जो विवाह करते ही नहीं ! यह स्थिति सम्पूर्ण विश्लेषण पर ही प्रश्नचिन उत्पन कर देती है !
वस्तुतः बुध पर्वत पर आती यह रेखा ह्रदय रेखा के प्रणय भाव के लगाव को या भावनात्मक लगाव को भी सूचित करती है ! कोई अव्यश्य्क नहीं की प्रेम से सम्बंधित भावनाएं मूर्तरूप में फलीभूत भी हों ! या इन भावनाओं के साथ व्यक्ति वैवाहिक जीवन में भी आगे बढ़े !
हस्तरेखाएँ …जैसा की मैं पहले भी स्पष्ट करता रहा हूँ कि यह शारीरिक मानसिक प्रवृति एवं प्राणो की गति को निर्धारित करने वाली ऊर्जा तरंगों की स्थिति बतलाती है ! इन का सम्बन्ध भाव से होता है , मूर्त कर्म से नहीं !
अतः जिन के हाथ में यह रेखा एक या एक से अधिक होती हैं , उनका विवाह हो ही। .. यह आव्यश्यक नहीं है ! यह भी आव्यश्यक नहीं की उनका शारीरिक सम्बन्ध कही बने , इन स्थितियों की जीवन रेखा एवं ह्रदय रेखा के अध्यन के साथ में शुक्र पर्वत और गुरु पर्वत की स्थितिओं से जानना अव्यश्य्क रहता है !
जिन्हे मैं विवाह रेखा या लगाव रेखा के नाम से परिभाषित कर रहा हूँ , यह मानसिक स्तर पर प्रणय सम्बन्धी यौनाकर्षण मतलब सेक्सुअल इंट्रेस्ट को व्यक्त करते हैं ! यह आत्मिक प्रेम हो या यौनाकर्षण , अगर किसी के प्रति है और शिष्टाचार एवं मान प्रतिष्ठा से व्यक्ति उसकी अभिव्यक्ति नहीं करता है , तो भी वे भाव विवाह तो हो ही जाते हैं ! चाहे फिर यह लगाव एक तरफ़ा हो और दुसरे को पता भी न हो ! मैं ज़्यादा ही गूढ़ ज्ञान में चला गया – कुछ सहजता से बात करेंगे अब
तो चलिए डिटेल में सिंपल बात करते हैं marriage line in palm reading
शुरू करते हैं हलकी विवाह रेखा से – पर ध्यान रहे इनमें से कोई एक आप की विवाह रेखा से भी मैच होगी ही होगी तो जान लें अपने वैवाहिक जीवन को भी … घबराएं नहीं अगर कुछ नेगेटिव दीखता है तो इस दुनिया में उसे पॉजिटिव करने के ढेरों उपाए हैं और यह तो हस्तरेखा शास्त्र है , कुछ दिनों की रेमेडीज करने के बाद स्वतः ही देखेंगे कि आप की विवाह रेखा खुद ब खुद पॉजिटिव होती चली गई है !
तो बात कर रहे थे हल्की विवाह रेखा की – जैसा की आप इमेज पर भी देख पा रहे हैं। ..
यदि विवाह रेखा हाथ की अन्य रेखाओं की तुलना में हलकी है या पतली है तो निश्चित जाने , कि व्यक्ति को अपने जीवन साथी से गहरा लगाव नहीं है ! उसका अपने जीवनसाथी से कोई भावनात्मक सम्बन्ध नहीं होगा , अपितु पति पत्नी का स्वरुप भी एक दिखावटी छलावा होगा ! प्रेम के क्षणों में ये ठन्डे होंगे ! यदि इनके हाथ में और भी विवाह रेखाएं दिखाई दे तो ये पक्के चालबाज़ होंगे और एक दुसरे को गुमराह करते होंगे !
अगली रेखा – निर्दोष विवाह रेखा :marriage line in palm reading
यह एक गहरी रेखा होती है और यदि ऐसी गहरी रेखा निर्दोष एवं कटाव रहित हो तो व्यक्ति प्रारम्भ से लेकर अंत तक जीवनसाथी का पूर्ण मनोयोग के साथ – तन मन धन के साथ – जीवन निर्वाह में साथ देगा ! यदि यह रेखा प्रारंभिक अवस्था में गहरी हो , और आगे चल कर धीरे धीरे पतली हो जाये , तो ऐसा व्यक्ति भी धीरे धीरे अपने जीवन साथी के प्रति उदासीन हो जाता है ! कम रूचि लेने लगता है !
अगली रेखा है – दोषपूर्ण विवाह रेखा : marriage line in palm reading
विवाह रेखा में कई दोष भी पाए जाते हैं , जैसे रेखा का बीच में से टूटना , द्वीप बनना, क्रॉस , सितारा – या आड़ी रेखाओं द्वारा काटना , द्विशाखी होना यानि दोमुही होना – जैसे रेखा के दो मुँह बन जाते हैं – स्क्रीन देखिये , अन्य विवाह रेखा द्वारा कटना , विवाह रेखा द्वारा ह्रदय रेखा या फिर मस्तिष्क रेखा का कटना ! जो की विवाह की स्थिति में दोषपूर्ण स्थिति है ! यहाँ द्वीप होने पर जहां दाम्प्तय मन मुटाव , क्रॉस होने पर जीवन साथी की क्षति , सितारा होने पर भी यही दोष लगना और आड़ी रेखाओं से कटने पर विवाह में बाहरी व्यवधान, दूसरी विवाह रेखा या रेखाओं से काटने पर अन्य प्रेम संबंधों से व्यवधान इत्यादि फलित होते हैं ! इसी प्रकार यदि विवाह रेखा ह्रदय रेखा को काटे , तो अशुभ दुःखमय दाम्पत्य जीवन , और अगर मस्तिष्क रेखा को काटे तो प्रेम क्षेत्र में गहरा मानसिक आघात लगना तय होता है !
अब बात करते हैं सुखी विवाह की – जो कि होता है उच्च घराने में : marriage line in palm reading
अगर हाथ में निर्दोष विवाह रेखा हो तथा गुरु पर्वत पर क्रॉस हो तो व्यक्ति का विवाह अत्यंत उच्च घराने में होगा ! विवाह के बाद व्यक्ति की उन्नति होगी ! व्यक्ति का वैवाहिक जीवन अत्यंत सुखी रहेगा !
अगली विवाह रेखा – जिसे कहते हैं वासना रेखा भी – कैसी होती है यह : marriage line in palm reading
विवाह रेखा से भिन्न एक रेखा और है जिसे वासना की रेखा के नाम से भी सम्बोधित किया जाता है ! यह रेखा चंद्र पर्वत के आधार से निकल कर हथेली के किनारे तक पोहंचती है ! यदि इस रेखा के साथ बुध रेखा भी प्रबल हो तो यह लक्षण मनुष्य में कामुकता की अधिकता के साथ अच्छे स्वास्थ्य का परिचायक है ! ऐसे व्यक्ति अपने द्वारा अनेक अपोजिट जेंडरस को संतुष्ट करने में समर्थ होते हैं ! व्यक्ति का अपोजिट पार्टनर भी इन्हे बोहत पसंद करता है ! दुसरे और साधारण शब्दों कहें तो ये व्यक्ति अय्याश होते हैं ! यदि वासना रेखा की कोई शाखा सूर्य रेखा या भाग्य रेखा को स्पर्श करे तो यह लक्षण प्रबल भाग्योदय का है , तथा व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सुखमय होता है !
अगर यही वासना रेखा दोषपूर्ण हो तो ??? – दोषपूर्ण वासना रेखा : marriage line in palm reading
वासना रेखा के दोष उसी प्रकार इस रेखा को प्रभावित करते हैं , जिस प्रकार अन्य को ! इस रेखा पर क्रॉस व्यक्ति को दुर्घटना का संकेत देता है , सितारा किसी भी बड़ी मुसीबत का और द्वीप पौरुष या स्त्री शक्ति के नाश का ! इसका आकलन अन्य रेखाओं से करना अनिवार्य रहता है !
अनेक विवाह रेखाएं हो तो ? – क्या है परिणाम : marriage line in palm reading
यदि बोहत सी लगाव रेखाएं या कहें कि विवाह रेखाएं बुध पर्वत पर दिखाई दे तो व्यक्ति अत्यधिक कल्पनाशील ,रोमांटिक होता है तथा दूसरों को अपना दिल देने के मामले में बोहत उदार होता है , विवाह रेखा या कहें कि लगाव रेखा की गहराई एवं सूक्षम्ता से व्यक्ति के प्रेम प्रसंगों की गंभीरता का पता चलता है !
आगे बढ़ते हैं – अगर विवाह रेखा हो प्रारम्भ में द्विशाखी और अंत में सरल विवाह रेखा – कैसी होती है : marriage line in palm reading
यदि ऐसा है तो विवाह के आरम्भ में व्यक्ति बोहत कन्फ्यूज्ड रहता है परन्तु धीरे धीरे समय के अनुसार व्यक्ति। .. चाहे वो स्त्री हो या पुरुष गहराई के साथ अपने जीवनसाथी के साथ जुड़ जाता है !
समानांतर विवाह रेखा – मतलब पैरलल चलती हुई दो मैरिज लाइनस कैसी होती है : marriage line in palm reading
यदि दो रेखाएं समनांतर यानि पैरलल रूप से चलती हुई बराबर लम्बाई में हों तो व्यक्ति एक ही समय में दो स्त्रियों से या यूँ कहे कि अपोजिट जेंडर से प्रेम करेगा ! यदि ये दोनों रेखाएं या इसकी किसी रेखा से निकली कोई शाखा इनमें से किसी एक को काटती है , तो प्रेम संबंधों के कारन दोनों में भावनात्मक उलझने, घात – प्रतिघात उत्पन्न होता है ! यदि इस समय ह्रदय रेखा और मस्तिष्क रेखा पर दोष हो तो व्यक्ति प्रेम संबंधों के कारण समस्या ग्रस्त रहता है !
विवाह रेखा प्रारम्भ में पतली हो और बाद में मोटी होती चली जाये : marriage line in palm reading
यह दिखलाती है जीवन साथी के साथ गहरा प्यार और लगाव। …
प्रारंभिक अवस्था में पतली और फिर मोटी होती विवाह रेखा दिखलाती है कि व्यक्ति अपनी प्रेमिका या पत्नी को या फिर स्त्रियों के संधर्व में अपने प्रेमी या पति से … प्रारम्भ में कम और फिर समयानुसार गहरा प्यार होता है जो आगे आगे और भी बढ़ता चला जाता है !
नेक्स्ट is अगर विवाह रेखा पर द्वीप हों – : marriage line in palm reading
यदि लगाव रेखा अथवा विवाह रेखा पर कोई द्वीप दिखलाई दे तो प्रेम प्रसंगों में कलह और वैमनस्य रहता है , नेगेटिविटी रहती है , द्वीपयुक्त विवाह रेखा वाला व्यक्ति यदि मंगल तत्व प्रधान है और हाथ का अंगूठा अगर छोटा एवं मोटा हो और सुदृढ़ भी हो यानि बिना लचक के हो , तो अपराध परिवृति को बतलाता है ! ऐसा व्यक्ति अपने जीवनसाथी के साथ मारपीट करने में भी पीछे नहीं हटता ! और अगर द्वीप के बाद विवाह रेखा टूटी हुई हो तो सम्बन्ध विछेद हो जाता है मतलब डाइवोर्स और पार्टीशन !
विवाह रेखा पर हो अगर द्वीप श्रृंखला – ढेर सारे द्वीप – लाइन से : marriage line in palm reading
यदि लगाव रेखा अर्थात विवाह रेखा पर द्वीप श्रृंखला दिखाई पड़े तो ऐसा व्यक्ति किसी से भी विवाह करने एवं प्रेम प्रसंग बनाने में सफल नहीं होता ! उसकी भावना किसी से भी स्पष्ट नहीं जुड़ती ! शुक्र पर्वत पर दोष हो , मंगल या चंद्र पर्वत पर दोष पूर्ण स्थिति में व्यक्ति चरित्रहीन , कामुक और जड़बुद्धि होता है !
विवाह रेखा पर हो अगर क्रॉस का चिन्ह : marriage line in palm reading
यदि विवाह रेखा पर क्रॉस की कड़ी दिखलाई पड़े तो विवाह या प्रेम प्रसंग से भयंकर विघ्न बाधाएं जीवन में आएँगी ! यह क्रॉस किसी विस्फोटक घटना से प्रेम सम्बन्ध में दुर्घटना होने का संकेत है ! क्रॉस से आगे की रेखा टूटी हुई हो तो सम्बन्ध विच्छेद भी हो जाता है मतलब अलग होना तय होता है ! यदि इसके बाद रेखा पतली एवं जंजीराकार हो , तो विवाह सम्बन्ध या प्रेम सम्बन्ध बाद में खराब हो जाता है ! क्रॉस के बाद विवाह रेखा नहीं हो , तो जीवनसाथी की,,,,……. प्रेमी या प्रेमिका की दुसरे लोक में ट्रांसफर हो जाती है – बुरा न माने मैं सोशल मीडिया गाइडलाइन्स फॉलो करता रहा हूँ और कोशिश करता हूँ हार्श वर्ड्स यूज़ नहीं करने की,, कृपा अपनी कॉमन सेंस भी लगाए कि दुसरे लोक में ट्रांसफर को क्या कहते हैं !
आगे बढ़ते हुए – विवाह रेखा पर अगर हो सितारा मतलब स्टार चिन्ह : marriage line in palm reading
विवाह रेखा पर सितारा जीवनसाथी या प्रेमी प्रेमिका की दुसरे लोक में ट्रांसफर का संकेतक होता है ! इस पर गौर करने के लिए अन्य रेखाओं का विश्लेषण अतिअवयशक है ! यदि स्टार के बाद अगर विवाह रेखा निर्दोष हो , तो यह रिलेशनशिप एक्सट्रेमली पेनफुल होता है !
लम्बी विवाह रेखा और सूर्य पर्वत पर हो एक सितारा – यानि सन माउंट पर स्टार : marriage line in palm reading
विवाह रेखा कुछ लम्बी हो कर सूर्य पर्वत तक पोहंच जाये और सूर्य पर्वत पर एक सितारा हो तो व्यक्ति का किसी ऐसे व्यक्ति से प्यार होगा जो अत्यंत ही सौभाग्यशाली , धनी और सोसाइटी में मान्यवर होगा !
विवाह रेखा अगर हो द्विशाखी मतलब मैरिज लाइन विथ 2 ब्रांचेज : marriage line in palm reading
यदि यह रेखा अंत में द्विशाखी हो जाये तो प्रेम भाव कम हो जाता है , ऐसी रेखा वाले व्यक्ति का तलाक हो जाता है , अगर ऐसा न भी हो तो भी सम्बन्ध ना के बराबर होता है !
विवाह रेखा हो द्विशाखी पर हो दूरी कम : marriage line in palm reading
द्विशाखी विवाह रेखा की शाखाएं यदि पास पास हों , तो दम्पतये सम्बन्ध खराब हो जाता है , परन्तु तलाक नहीं होता !
विवाह रेखा अगर हो त्रिशाखी या बहुशाखी – मतलब थ्री ब्रांचेज या ज़्यादा : marriage line in palm reading
यदि यह रेखा अंत में त्रिशाखी हो जाये तो यह प्रेम प्रसंगों में चालाकी और प्रेम के विषय से युक्त कलुषित भावना को स्पष्ट करती है ! ऐसा व्यक्ति महाशतिर होता है और युवतिओं को इससे सावधान रहना चाइये ! यदि ऐसी रेखा किसी युवती के हाथ में हो तो उसकी तृप्ति किसी एक पुरुष से नहीं होती ! अति प्रेम प्रसंगों या कहें की ये रेखा सिर्फ विषय वासना और शारीरिक तृप्ति की रेफेरेंस रेखा बन जाती है
विवाह रेखा में निम्नगामी शाखाएं – मतलब नीचे की और जाने वाली रेखाएं : marriage line in palm reading
यदि विवाह रेखा में छोटी छोटी शाखाएं नीचे की और जाती दिखलाई दे तो व्यक्ति का जीवन दुःखमेहः होता है ! ऐसा क्यों होगा , यह हथेली की दूसरी रेखाओं, चिन्हो एवं हाथ की बनावट के आधार पर ज्ञात करना पड़ता है !
नेक्स्ट इस – विवाह रेखा से निकलती उर्ध्गामी शाखाएं – मतलब ऊपर की और जाती शाखाये : marriage line in palm reading
यदि विवाह रेखा में कुछ छोटी छोटी शाखाएं ऊपर की और जाती दिखलाई दें तो व्यक्ति का प्रेम प्रसंग या विवाह व्यक्ति के सौभाग्य और उन्नति को लेकर आता है , ऊपर जाने वाली रेखाएं उत्तम और उन्नतिशील प्रेम या विवाह सम्बन्ध को बतलाती हैं ! यह बढ़ते प्रेम की भी सूचक हैं !
नेक्स्ट – अगर हो विवाह रेखा में टूटन : marriage line in palm reading
यदि विवाह रेखा टूटी हुई हो तो इस काल विशेष में गृहस्थ जीवन अवश्य ही टूट जायेगा
नेक्स्ट – अगर हो विवाह रेखा पर चतुष्कोण मतलब वर्ग का साइन : marriage line in palm reading
यदि इस टूटी हुई रेखा पर कोई वर्ग का साइन दिखलाई पड जाये तो व्यक्ति पारिवारिक बिखराब को ठीक कर के पुनः दाम्पत्य सम्बन्ध मतलब मैरिटल लाइफ या प्रेम सम्बन्ध सही करलेगा
विवाह रेखा हुक की तरह मुड़ी हुई हो तो क्या हो? : marriage line in palm reading
ऐसी स्थिति में वैवाहिक सम्बन्ध में भारी दुर्भावना किसी न किसी वजह से एक दुसरे से रिलेटेड व्याप्त हो ही जाती है – यह रेखा व्यक्ति को एक्सट्रीम शक्की बना देती है , और इंसान शक में ही अपनी पूरी मैरिटल लाइफ तबाह कर लेता है !
आगे है – विवाह रेखा पर अगर हो धब्बा : marriage line in palm reading
यदि इस रेखा पर काला धब्बा दिखलाई दे जाये तो यह दाम्पत्य या प्रेम के क्षेत्र में भयंकर विघ्न बाधा की सूचना देता है !
विवाह रेखा हो त्रिशाखी एवं धब्बे वाली भी : marriage line in palm reading
यदि काले धब्बे वाली इस रेखा का अंत द्विशाखी , त्रिशाखी , या फिर बहुशाखी हो तो प्रेम या दाम्पत्य सम्बन्ध का त्याग करके व्यक्ति जीवनसाथी का त्याग कर देगा या जीवनसाथी ही ऐसे व्यक्ति का त्याग कर जायेगी !
अगर हो विवाह रेखा पर धब्बा एवं हो अंत मे ऐसी रेखा पतली : marriage line in palm reading
यदि काले धब्बे के बाद रेखा पतली हो जाये तो ऐसे व्यक्ति का अपनी प्रेमी या प्रेमिका के प्रति लगाव धीरे धीरे समाप्त हो जायेगा और यदि इसका अंत क्रॉस या फिर सितारे से होता हो , तो सम्बन्ध टूट जायेगा या जीवनसाथी या प्रेमी प्रेमिका का अंत हो जायेगा ! काला बिंदु हो , तो यह आत्महत्या का संकेत होता है ! पर कुछ भी फलादेश से पहले अन्य रेखाओं और चिन्हो का परीक्षण भी अव्यश्य्क होता है !
नेक्स्ट इस – विवाह रेखा को काटे अगर कोई आकस्मिक रेखा : marriage line in palm reading
यदि कहीं से कोई रेखा निकल कर विवाह रेखा को काट रही है , तो यह विवाह सम्बन्ध में बाहरी कारणों से व्यवधान उत्पन्न करने या संबंधों को कटु बनाने का संकेतक है ! कोई भी फलादेश से पहले देखना ज़रूरी है कि यह रेखा किस पर्वत या रेखा से निकल रही है ! जैसे शुक्र से निकली तो – माता पिता या स्वजन की और से , चंद्र पर्वत की आकस्मिक रेखा है तो अत्यधिक कल्पनाशीलता के कारण अव्यवहारिकता से , गुरु पर्वत से निकली आकस्मिक रेखा है तो – जीवनसाथी के अपनी मान्यता अनुरूप की वजह से , शनि से उत्पन्न आकस्मिक रेखा द्वारा है तो – रहस्मय आचरण या व्यक्तित्व या धन सम्पति के कारण से मैरिटल लाइफ में व्यवधान उत्पन्न होगा ही होगा !
अगर द्विशाखी विवाह रेखा बाधित है चिंता रेखा से : marriage line in palm reading
यदि विवाह रेखा द्विशाखी हो और वहीँ से विवाह रेखा को काटती हुई चिंता रेखा , शुक्र पर्वत तक एवं सहायक जीवन रेखा को स्पर्श कर जाये तो विवाह या प्रेम में बाधा डालने वाला व्यक्ति नज़दीकी परिवार से ही होता है , द्विशाखी हो जाने का अर्थ उस व्यवधान से तलाक हो जाना या सम्बन्ध विच्छेद हो जाना है !
अगर त्रिशाखी विवाह रेखा बाधित है चिंता रेखा से : marriage line in palm reading
यदि यह रेखा त्रिशाखी या बहुशाखी हो तो परिणाम और अधिक घातक होंगे ! यह पूरी तरह से बिखराव का संकेत है !
आगे बढ़ते हैं। …अगर विवाह रेखा अन्य रेखा द्वारा छेदित हो कर ह्रदय एवं मस्तिष्क रेखा को स्पर्श करती हुई हो : marriage line in palm reading
यदि विवाह रेखा किसी रेखा द्वारा कट जाये तथा वहां से इसकी एक शाखा या अन्य आकस्मिक रेखा हृदय रेखा को काटती हुई मस्तिष्क रेखा को स्पर्श करे, जहाँ स्पर्श करे वहां कोई दोष जैसे द्वीप की आकृति , क्रॉस आदि हों , तो वैवाहिक जीवन दुखमय और कष्ट से परिपूर्ण होगा मतलब फुल ऑफ़ pain और यह प्रसंग व्यक्ति को मानसिक रूप से ज्वलंत तरिके की परेशानी का कारण बनेगा ! इससे सम्पूर्ण विक्षिप्तता नहीं होती , अपितु भावनाओं के संघर्ष से व्यक्ति पागलपन की हरकतें करने लगता है ! और यदि चंद्र पर्वत पर कोई अशुभ चिन्ह हो या ह्रदय रेखा चंद्र पर्वत की और झुकी हुई हो और उस पर दोष हो तो ऐसा व्यक्ति दाम्पत्य संबंधों की वजह से निश्चित ही पागल हो जाता है !
आगे है – अगर विवाह रेखा मुड़ती हुई दिखे ह्रदय रेखा की और : marriage line in palm reading
यदि विवाह रेखा ह्रदय रेखा की और झुकाव लिए हुए मुड़ी हुई हो , तो व्यक्ति अपने जीवन साथी के प्रति कोई प्रेम या आकर्षण नहीं रखता , ऐसे व्यक्ति की विषय भोग के प्रति रूचि स्वतः ही कम होती है , उसमें वैराग्य की भावना अधिक रहती है ! किसी भी स्थिति में विवाह रेखा का ह्रदय रेखा की और मुड़ना विवाह के कारण भावनात्मक असंतुलन डिस्बैलेंस या बर्बादी की कहानी कहता है !
आगे है कि अगर ह्रदय रेखा को काटती हुई हो विवाह रेखा : marriage line in palm reading
यदि विवाह रेखा इतनी अधिक झुक जाये कि वह ह्रदय रेखा को स्पर्श कर ले या उसको काटकर आगे बढ़ जाये तो यह जीवनसाथी के दुसरे लोक में जाने का संकेतक है ! यह पुरुषों के विधुर और स्त्रियो के लिए वैधव्य की निशानी है !
कनिष्ठका के प्रथम पर्व में घुसती हुई विवाह रेखा हो तो ? : marriage line in palm reading
यदि विवाह रेखा ऊपर की और मुड जाये और कनिष्ठका ऊँगली यानि बुध की उंगली में प्रवेश कर जाये तो ऐसा व्यक्ति आजीवन कुंवारा रहता है और कुंवारा ही मर भी जाता है !
नेक्स्ट – कनिष्ठका की और मुड़ी हुई विवाह रेखा : marriage line in palm reading
यदि विवाह रेखा ऊपर की और मुड़ी हुई हो तो व्यक्ति के विवाह में रूकावट आती है ! यह रूकावट व्यक्ति के स्वेम के द्वारा होती है ! ऐसे व्यक्ति किसी ना किसी कारण के विवाह टालते रहते हैं ! ये व्यक्ति यह निर्णेय ही नहीं कर पाते की उन्हें विवाह करना भी चाहिए या नहीं ! कुछ और ही कल्पनाओं के आधार पर वह अपने विवाह में कुछ और अधिक अच्छा पाने के आधार पर यह विलम्भ जानबूज कर करते हैं ! जिस के फलस्वरूप विवाह या तो बोहत विलम्भ से होता है, देरी से होता है या फिर हो ही नहीं पाता !
आगे है की अगर विवाह रेखा है ह्रदय रेखा से सटी हुई : marriage line in palm reading
यदि विवाह रेखा ह्रदय रेखा के बिलकुल पास हो तो व्यक्ति का विवाह शीघ्र ही छोटी अवस्था में ही हो जाता है !
नेक्स्ट इस – अनामिका उंगली .. मतलब सूर्य के पर्व को स्पर्श करती हुई हो विवाह रेखा : marriage line in palm reading
तो जनाब यहाँ होती है धन प्राप्ति , यदि विवाह रेखा में से कोई शाखा निकल कर सूर्य पर्वत पर पोहंच जाये तो विवाह बोहत ही शुभ और उत्तम होता है ! इससे व्यक्ति को अपार धन और सुख की प्राप्ति होती है !
बाधित विवाह रेखा के बारे में बात करते हैं : marriage line in palm reading
यदि विवाह रेखा को कोई रेखा काट दे तो विवाह में बाधा की सुचना मिलती है , यह बाधा पारिवारिक भी हो सकती है और आर्थिक भी ! यदि रेखा विवाह रेखा की तुलना में मोटी है तो बाधा कुछ ज़्यादा समय तक विधमान रहती है और बड़ी होती है ! अगर यह रेखा पतली है , तो बाधा कम समय की होती है ! विवाह रेखा इसके बाद यदि टूट जाये , तो सम्बन्ध विच्छेद होता है ! परिवार के झगडे या दुविधा की वजह से कुछ वर्ष तक विवाह में रूकावट रहेगी ! यदि खड़ी रेखा विवाह रेखा की तुलना में बारीक एवं पतली है तो आर्थिक एवं पारिवारिक रुकावटें कुछ देर तक बाधा डालने के बाद स्वतः ही समाप्त हो जाएँगी ! कई हाथों में यह रेखा समयनुसार स्वेम गायब भी हो जाती है !
आगे है भाग्य रेखा को स्पर्श करती हो अगर विवाह रेखा : marriage line in palm reading
यदि विवाह रेखा इतनी लम्बी हो जाये की सूर्य रेखा या भाग्य रेखा को स्पर्श कर ले तो निश्चेय ही व्यक्ति का विवाह किसी अमीर एवं प्रसिद्ध घराने में होगा , पति हो या पत्नी, वह हज़ारों में एक होंगे ! व्यक्ति विवाह के बाद सुखी रहेगा एवं उस का भाग्योदय होगा !
अब जानते हैं – सहायक विवाह रेखाएं क्या कहती हैं : marriage line in palm reading
विवाह रेखा खंडित हो , पर उसके साथ ही दूसरी रेखा के रूप में ऊपर या नीचे कही से उसके साथ सहायक विवाह रेखा जैसा दिखे , तो व्यक्ति का दूसरा विवाह निश्चित होता है !
विवाह रेखा पर अगर हो क्रॉस का चिन्ह : marriage line in palm reading
विवाह रेखा ह्रदय रेखा की और मुड़ती हुई उस पर क्रॉस का निशान बनाये तो ऐसे व्यक्ति ने जिससे शादी की है वह प्राणी शीघ्र ही दूसरेलोक प्रस्थान कर जायेगा !
अंगूठे से उदित रेखा द्वारा बाधित विवाह रेखा : marriage line in palm reading
यदि किसी व्यक्ति के दाएं हाथ में अंगूठे की जड़ से उदित कोई तिरछी रेखा , विवाह रेखा को काटती हुई कनिष्ठका उंगली मतलब बुध क्षेत्र की जड़ तक चली जाये तो ऐसा पुरुष या ऐसी स्त्री कामवासना या अन्य स्वार्थवश जीवनसाथी के प्राण लेने से भी नहीं सकुचाते !
पारिवारिक रिश्ते या गोत्र में विवाह : marriage line in palm reading
विवाह रेखा पर द्वीप का निशान हो , साथ में अंघूठे की मूल यानि जड़ में भी द्वीप का चिन्ह हो तो व्यक्ति अपनी नज़दीकी रिश्तेदारी में विवाह करता है ! ऐसा व्यक्ति कामुक और पारिवारिक सदस्यों पर भी बुरी नज़र रखता है , यदि विवाह रेखा पर भी ये दोहरे द्वीप हों तो ऐसा व्यक्ति स्वागोत्र विवाह करता है अर्थात अपने ही परिवार की लड़की से विवाह करता है ! यदि दुसरे द्वीप पर रेखा टूटी हो तो सम्बन्ध टूट जाते हैं ! सितारा , तिल , क्रॉस आदि हो , तो व्यक्ति के प्राण तक निकल जाते हैं ! इसके बाद विवाह रेखा दूषित हो , तो सम्बन्ध खराब हो जाते हैं !
तो यह था आज का सम्पूर्ण ज्ञान जो की बेस्ड है विवाह रेखाओं पर , आशा करता हूँ कि आर्टिकल में दी गई जानकारी आप को समझ और पसंद दोनों आ गयी हैं , जुड़े रहिये साथ में ताकि इंडियन पल्मिस्ट्री और सामुद्रिक विज्ञानं से रिलेटेड ज़्यादा – सटीक और महत्वपूर्ण जानकारियां आप प्राप्त कर सके मेरे आर्टिकल्स के माध्यम से ….. कमैंट्स में अवश्य बताएं की ब्लॉग कैसा लगा , वेबसाइट में नए हैं तो सब्सक्राइब ज़रूर कर लें ! धन्यवाद्
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